ग्राम पंचायत बोईरडीह शासकीय भूमि पर अवैध रेत भंडारण: खनिज विभाग की निष्क्रियता से ग्रामीणों में आक्रोश


टास्क फोर्स के निर्देश हवा में, माफिया कर रहे कालाबाज़ारी की तैयारी


बलौदाबाजार। जिले में रेत माफिया एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं। बरसात शुरू होने से पहले शासकीय भूमि पर सौ से अधिक ट्रैक्टर ट्रिप रेत का अवैध भंडारण कर लिया गया है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि ग्रामीणों द्वारा दी गई शिकायतों के बावजूद खनिज विभाग अब तक मूकदर्शक बना हुआ है।


ग्रामीणों का आरोप है कि यह रेत बाद में दोगुनी कीमत पर बेची जाएगी, जिससे पीएम आवास योजना जैसे सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को भारी नुकसान होगा। कई ग्रामीणों के मकान निर्माण कार्य अधूरे हैं, और रेत की कालाबाज़ारी से उन्हें निर्धारित लागत से कहीं अधिक राशि चुकानी पड़ सकती है।


टास्क फोर्स के निर्देश कागज़ों तक सीमित


17 जून को कलेक्टर दीपक सोनी की अध्यक्षता में आयोजित जिला स्तरीय टास्क फोर्स बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि 10 जून से 15 अक्टूबर तक किसी भी रेत खदान से उत्खनन नहीं होगा। केवल पूर्व से भंडारित वैध रेत का परिवहन रॉयल्टी पर्ची के साथ किया जा सकेगा।


साथ ही उन्होंने अवैध उत्खनन पर सख्त कार्रवाई के निर्देश भी दिए थे। लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है—ना तो भंडारित रेत को जब्त किया गया है और न ही माफिया या जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई कार्रवाई हुई है।


ग्रामीणों की पीड़ा: “रेत माफिया लूट रहे हैं हमारा हक”


ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने मोबाइल पर फोटो और वीडियो के माध्यम से विभाग को सूचित किया, लेकिन हर बार केवल आश्वासन मिला। उनका कहना है कि प्रशासन की चुप्पी माफिया को खुली छूट दे रही है।


खनिज विभाग सवालों के घेरे में


प्रशासनिक सख्ती के बावजूद खनिज विभाग की निष्क्रियता कई सवाल खड़े कर रही है। क्या विभाग की यह चुप्पी किसी मिलीभगत का संकेत है? और क्या गरीबों के हक पर यूं ही डाका डाला जाता रहेगा?


अब क्या करेगा प्रशासन?


यह देखना अब बाकी है कि जिला प्रशासन कब तक इस अवैध भंडारण पर कार्रवाई करता है। यदि समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले दिनों में यह मामला बड़े पैमाने पर कालाबाज़ारी और सामाजिक असंतोष का कारण बन सकता है।


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