पद्मश्री सुरेन्द्र दुबे के निधन से साहित्य जगत में शोक की लहर
अचानक हृदयाघात के चलते हुआ निधन, अस्पताल में ली अंतिम सांस
रायपुर/नई दिल्ली, 27 जून 2025 —
हास्य-व्यंग्य के जाने-माने कवि और पद्मश्री सम्मानित सुरेन्द्र दुबे जी का आज अचानक हृदयाघात से निधन हो गया। 67 वर्षीय कवि को सुबह सीने में तेज दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली।
डॉ. सुरेन्द्र दुबे, जो अपने अनोखे अंदाज़ और व्यंग्यपूर्ण कविता पाठ के लिए देशभर में लोकप्रिय थे, ने मंचीय कविता को एक नई ऊंचाई दी। उनकी कविताओं में सामाजिक विडंबनाओं पर तीखा प्रहार और हास्य का सुंदर समन्वय देखने को मिलता था।
2010 में उन्हें भारत सरकार द्वारा ‘पद्मश्री’ से सम्मानित किया गया था। उन्होंने कई कवि सम्मेलनों में देश-विदेश में भारत का प्रतिनिधित्व किया और करोड़ों श्रोताओं को अपने शब्दों से गुदगुदाया और सोचने पर मजबूर किया।
उनके आकस्मिक निधन से साहित्य एवं कला जगत में गहरा शोक व्याप्त है। कई नामचीन कवियों, लेखकों और राजनेताओं ने सोशल मीडिया के माध्यम से शोक जताया है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने दुबे जी के निधन को प्रदेश की साहित्यिक संपदा के लिए “अपूरणीय क्षति” बताया और कहा कि “उनकी रचनाएँ आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी।”
साहित्यिक मंचों की रौनक रहे सुरेन्द्र दुबे अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके शब्द और उनकी हँसी हमेशा जीवित रहेंगे।
ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।
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