ग्राम तेलासी और बोहरडीह में श्रद्धालु भक्तजन मां शीतला के मंदिर में जुटे। माता को खीर-पूड़ी, ठंडा भोजन, नीम पत्ता और हल्दी आदि का भोग अर्पित किया गया। पूर्वरात्रि में बनाए गए व्यंजन ही माता को अर्पित कर परिवारजन ग्रहण करते हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि यह पर्व विशेष रूप से संतान सुख, घर की सुख-शांति और गांव में बीमारी से बचाव की कामना के लिए मनाया जाता है। गांव की महिलाएं पूजा-अर्चना कर माता से अपने परिवार की रक्षा की प्रार्थना करती हैं।
तेलासी और बोहरडीह दोनों गांवों में यह पर्व आपसी भाईचारे और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बना रहा। आयोजन के दौरान साफ-सफाई, भजन-कीर्तन और सामूहिक पूजन का भी विशेष महत्व रहा।
ग्रामीणों ने बताया कि मां शीतला की कृपा से गांव में हमेशा सुख-शांति बनी रही है और यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है जिसे नई पीढ़ी भी पूरी श्रद्धा से निभा रही है।
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