बलौदाबाजार डाकघर की धीमी रफ्तार बनी आमजन की परेशानी का कारण



रक्षाबंधन के अवसर पर डाक सेवाओं की सुस्त चाल पर उठे सवाल, नागरिकों ने की अतिरिक्त काउंटर की मांग

बलौदाबाजार : त्योहारों का मौसम नज़दीक है, और देशभर में जहाँ रक्षाबंधन को लेकर रेल, परिवहन, और बाज़ारों की रफ्तार तेज़ हो गई है, वहीं बलौदाबाजार जिले का मुख्य डाकघर अब भी पुराने ढर्रे पर काम कर रहा है। जिला मुख्यालय स्थित इस डाकघर में प्रतिदिन सैकड़ों लोग कतार में खड़े दिखाई देते हैं, लेकिन मात्र एक काउंटर और कार्य समय दोपहर 3 बजे तक सीमित होने के कारण अधिकांश लोगों को खाली हाथ लौटना पड़ रहा है।



रक्षाबंधन के इस भावनात्मक अवसर पर जहां बहनें अपने भाइयों को राखी भेजने के लिए डाकघर का रुख करती हैं, वहीं नौकरी, न्यायालयीन कार्यवाही, विभागीय पत्राचार और अन्य आवश्यक दस्तावेज़ भी समय पर नहीं पहुंच पा रहे हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार न्यायालय से संबंधित आदेश, जैसे ज़मानत दस्तावेज़ या नोटिस, समय पर संबंधित पक्षों तक नहीं पहुंचते, जिससे न्याय में देरी और कभी-कभी कानूनी उलझनों की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

डाकघर की इस स्थिति पर स्थानीय नागरिकों में रोष है। लोगों का कहना है कि जब रेलवे और परिवहन विभाग त्योहारों के समय अतिरिक्त ट्रेनें और बसें चलाते हैं, तो डाक विभाग आज भी क्यों उसी धीमी प्रक्रिया पर काम कर रहा है?

नागरिकों की प्रमुख मांगें:

  • डाकघर में अस्थायी अतिरिक्त काउंटर शुरू किया जाए।

  • कार्य समय को बढ़ाकर शाम तक किया जाए।

  • डिजिटल सेवाओं को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में और अधिक सुलभ बनाया जाए।

  • जिला न्यायालय और कलेक्टर कार्यालय के पास एक पृथक डाकघर शीघ्र खोला जाए।

उल्लेखनीय है कि वर्षों पूर्व ऐसी योजनाएं प्रस्तावित भी की गई थीं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

अब जबकि रक्षाबंधन और अन्य प्रमुख त्योहार करीब हैं, नागरिकों की यह स्पष्ट मांग है कि डाक विभाग तत्काल प्रभाव से सेवाओं में सुधार करे, ताकि भावनात्मक, प्रशासनिक और कानूनी कार्य समय पर पूरे हो सकें।