पलारी (छत्तीसगढ़), विशेष संवाददाता।
विकासखंड पलारी अंतर्गत ग्राम पंचायत सुंद्रावन के आश्रित गांव मतवारी की सड़क की हालत इतनी बदहाल हो गई है कि यह ग्रामीणों के लिए एक रोज़ का संघर्ष बन गई है। यह सड़क अब सिर्फ एक मार्ग नहीं, बल्कि कीचड़ और गड्ढों से भरा एक मुसीबत बन चुकी है। गांव के सामाजिक कार्यकर्ता विक्रम सिंह राय, सरपंच चांदनी जायसवाल और उपसरपंच सुभाष घृतलहरे ने इस गंभीर समस्या को लेकर शासन-प्रशासन से शीघ्र कार्रवाई की माँग की है।
कीचड़ और गड्ढों में डूबी ज़िंदगी
मतवारी गांव को सुंद्रावन से जोड़ने वाली यह मुख्य सड़क भारी बारिश के बाद पूरी तरह से कीचड़ में तब्दील हो चुकी है। सड़क पर जगह-जगह गहरे गड्ढे बन गए हैं, जिनमें पानी भर जाने से राहगीरों को चलना तक दूभर हो गया है। ग्रामीणों को प्रतिदिन अपने ज़रूरी कार्यों जैसे राशन प्राप्ति, स्कूल जाने, शासकीय प्रमाण पत्र बनवाने और अन्य कार्यालयीन कार्यों के लिए सुंद्रावन आना होता है। लेकिन इस सड़क की हालत के कारण उन्हें 2 किलोमीटर की सीधी दूरी की बजाय 15 किलोमीटर का लंबा चक्कर लगाकर आना पड़ता है।
गांव की परेशानियाँ, शासन तक पहुंचाई गईं
समाजसेवी विक्रम सिंह राय ने मीडिया से बातचीत में बताया कि इस जर्जर सड़क के कारण गांव के लोग भारी परेशानियों का सामना कर रहे हैं। "बच्चे स्कूल जाने से कतराते हैं, साइकिल चलाना असंभव हो गया है, और कई बार ग्रामीण कीचड़ में फिसलकर नहर तक में गिर जाते हैं जिससे उन्हें गंभीर चोट भी आती है," उन्होंने बताया। यही नहीं, विक्रम सिंह राय ने यह भी बताया कि गांव के आसपास के अन्य ग्रामीण जैसे गबौध, कोदवा, संगी बंगला, जरवे, गाढ़ाकुसमी के निवासी भी इसी मार्ग से सरकारी कार्यों के लिए सुंद्रावन आते हैं।
सरपंच और उपसरपंच ने भी जताई चिंता
ग्राम पंचायत सुंद्रावन की सरपंच चांदनी जायसवाल ने भी इस मुद्दे को गंभीर बताते हुए कहा, "यह मार्ग ना केवल मतवारी के लोगों के लिए, बल्कि सुंद्रावन के लोगों के लिए भी जरूरी है। राशन कार्डधारी, स्कूली छात्र, और सरकारी योजनाओं का लाभ लेने वाले सभी इसी मार्ग पर निर्भर हैं। सड़क कीचड़ में तब्दील हो गई है, साइकिल तक चलाना मुश्किल हो गया है।" उन्होंने शासन से तत्काल सीसी या कंक्रीट रोड निर्माण की मांग की है।
वहीं, उपसरपंच सुभाष घृतलहरे ने भी मीडिया से बातचीत में दोहराया कि यह सड़क न केवल आमजनों के लिए, बल्कि किसानों के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। "अभी किसान लोग फसल के समय इसी रास्ते से मंडी और बाजार जाते हैं। इतनी खराब सड़क से पैदल चलना भी पसंद नहीं आता, यह बहुत ही कष्टदायक स्थिति है। शासन प्रशासन से निवेदन है कि इस पर तुरंत संज्ञान लिया जाए।"
शासन से मांग : बने सीसी रोड, खत्म हो राहगीरों की परेशानी
ग्रामवासी और जनप्रतिनिधियों की सामूहिक मांग है कि मतवारी को सुंद्रावन से जोड़ने वाली सड़क का जल्द से जल्द सीसी रोड या कंक्रीट रोड के रूप में निर्माण कराया जाए, ताकि ग्रामीणों को हो रही परेशानी से राहत मिले और वे सीधे मार्ग से अपने कार्यों के लिए सुगमता से आ-जा सकें। इससे न केवल दूरी कम होगी, बल्कि स्कूल जाने वाले बच्चों, वृद्धों, महिलाओं और किसानों को भी राहत मिलेगी।
निष्कर्ष:
एक तरफ ‘सड़क’ ग्रामीण विकास की रेखा मानी जाती है, वहीं दूसरी ओर जब वही सड़क ग्रामीणों के लिए संकट बन जाए, तो विकास खुद सवाल बन जाता है। मतवारी से सुंद्रावन तक की यह टूटी और कीचड़ भरी सड़क अब केवल प्रशासनिक अनदेखी का प्रतीक नहीं रही, बल्कि यह एक जन-आंदोलन की दस्तक बन गई है। शासन-प्रशासन से अब यही अपेक्षा है कि जनता की आवाज़ सुनी जाए और जल्द से जल्द सड़क निर्माण की दिशा में ठोस कदम उठाया जाए।
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