वेशभूषा मे तैयार सांस्कृतिक सुवा नृत्य करते हुए 



पलारी क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न ग्रामों में आदिवासी दिवस इस वर्ष भी बड़े ही धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया गया। हर साल की तरह इस बार भी ग्रामीण समुदाय ने पारंपरिक वेशभूषा पहनकर और सांस्कृतिक विरासत को जीवंत करते हुए इस दिन को खास बना दिया।


कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक नृत्य और आदिवासी वाद्ययंत्रों की मधुर धुनों से हुई। ग्रामीणों—विशेषकर युवाओं और महिलाओं—ने पारंपरिक पोशाकों में सज-धज कर हिस्सा लिया और विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं।



इस अवसर पर गांवों में पारंपरिक लोकनृत्य, गीत-संगीत, और हस्तशिल्प प्रदर्शन जैसे कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। इन कार्यक्रमों में आदिवासी समाज की कला, संस्कृति, और परंपराओं की झलक देखने को मिली।




स्थानीय जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ नागरिकों ने आदिवासी समाज के योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस तरह के आयोजनों से नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जुड़ने का अवसर मिलता है और सामाजिक एकता को भी बल मिलता है।




ग्रामीणों का उत्साह देखते ही बनता था, और पूरे इलाके में उत्सव जैसा माहौल बना रहा। आयोजकों ने बताया कि आने वाले वर्षों में इसे और भी भव्य रूप देने की तैयारी की जा रही है, ताकि आदिवासी समाज की सांस्कृतिक पहचान और अधिक मजबूत हो सके।