प्रेमचंद जयंती पर पोस्टर प्रदर्शनी व परिचर्चा का आयोजन
कसडोल - दिनांक: 02 अगस्त 2025 को पी एम श्री आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट हायर सेकण्डरी स्कूल- कसडोल, जिला बलोदा बाजार में
दोपहर 2:30 बजे से 4:30 बजे तक प्रख्यात साहित्यकार *मुंशी प्रेमचंद* की जयंती के अवसर पर विद्यालय में एक परिचर्चा का आयोजन हुआ।
कसडोल विकास खण्ड के इस विद्यलय मे पहली बार आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत व्यक्तिगत एवं संस्थान की परिचय एवं आयोजन के उद्देश्य स्थापना से आरम्भ हुई।
पोस्टर प्रदर्शनी का न सिर्फ अवलोकन किये बल्कि जरूरी लगने वाले बिंदु को नोट बुक में दर्ज भी किये।
इसके बाद वीडियो को आधार बनाकर संवाद की शुरुआत हुई।
सत्र के शुरु में प्रेमचंद एवं उनकी रचनाओं के सन्दर्भ में वर्तमान को समझने का प्रयास किया गया। छात्रों को प्रेमचंद की कहानियों और उपन्यासों को संविधान की मूल्यों से जोड़ते हुए यह जानने का अवसर मिला । उनका लेखन वर्तमान में आज भी उतना ही प्रासंगिक है। जो आज से कई साल पहले लिखी गई थी।
कार्यक्रम में वीडियो फिल्म *"आईना"* जो _लिंग भेदभाव_ और _लड़के और लड़कियों के बीच की दूरी व परिवार के बीच संवाद के अभाव_ के यथार्थ को सामने रखती है। जिसे देखने के बाद छात्राओं के साथ एक चर्चा- परिचर्चा का सत्र हुआ। जिसमें उन्होंने अपने विचार साझा किए और यह महसूस किया कि हमारे साथ लगातार इस तरह होते है पर उसे हमेशा नजरअंदाज किया जाता है। कइयों ने लिखा हैं कि आज एक दिन की चर्चा से बात नहीं बनेगी हमे लगातार इस तरह की चर्चा करते रहने की जरूरत है।
कई छात्राओं ने अपनी प्रतिक्रिया सुनाई और सभी उपस्थित 101 छात्राओं ने अपने विचार को लिखकर दिये। इसके लिये कार्यक्रम के आरम्भ में एक पर्ची उपलब्ध कराई गई थी। एक समझ मे आने वाली अच्छी बात और समझने के बाद एसे विचार को लिखना था जो हो रहा है पर नहीं होना चाहिए । कुछ छात्रों ने यह भी लिखा है हमें हमारे घर व परिवार में स्वयं से बदलाव करने की सोंच इस वीडियो को देखकर जागा है।
कार्यक्रम के अंत में प्रेमचंद के जीवन और साहित्यिक योगदान पर आधारित एक *प्रश्न मंच- प्रेमचंद और संवैधानिक मूल्य* का आयोजन की गई, जिसमें छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और प्रेमचंद से जुड़ी कई नई जानकारियाँ प्राप्त कीं। यह गतिविधि सबसे आकर्षक था। इसमे बच्चे बड़े उत्साह से भाग ले रहे थे। क्योकि यह प्रतियोगिता नहीं बल्कि वैचारिक समझ बनाना था जिसमें ज्ञान निर्माण व प्रेमचंद के बारे में जानकारी विकसित हो रहा था।
बच्चों ने यह भी कहा कि इस तरह के आयोजन के बारे में अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन समाज हित के लिए सोंच रहा है यह बहुत बड़ी पहल है।
एक छात्र ने इस तरह के और टॉपिक पर प्रश्न मंच लेकर आने का सुझाव रखी है।
इस आयोजन में कक्षा 10,11व 12 वीं के 101 छात्राओं ने भाग लिया, साथ ही प्राचार्य सहित 07 शिक्षक की सक्रिय सहभागिता रही। उन्होंने ने भी स्वरूचि अपनी प्रतिक्रिया से अवगत कराये। धन्यवाद देते हुए कहा कि हमारे स्कूल का चुनाव किये इसके लिए प्राचार्य सर और संस्थान के सदस्यों का शुक्रिया। इस कार्यक्रम से प्रेमचंद और उनके साहित्य की योगदान को याद करना था साथ ही उनके विचारों को विद्यार्थियों की सोच और संवेदनशीलता से जोड़ना भी था। इस दौरान आगे भी जुड़कर विविध मुद्दों पर चर्चा करने हेतु बच्चे व शिक्षक ने विविध मुद्दों पर बातचीत करने के लिए आमंत्रित किया।
अंत में बारहवी के बाद मिलने वाली संतूर स्कालर शीप और यूनिवर्सिटी के प्रवेश परीक्षा की तैयारी पर ध्यान आकृष्ट कराये।
आगे चल कर सामाजिक भागीदारी में अपनी भूमिका को देखते कसडोल में गठित होने वाली युवा मंच में सहभागी बनकर योगदान देने की जानकारी दी गई।
साथ ही टीएलसी निर्माण और उपयोग के बारे में तथा पुस्तकालय स्थापना की जानकारी दी गई।
प्राचार्य संतोष सर ने कहा अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन शासकीय शिक्षा में रचनात्मक बदलाव के लिए कसडोल विकास खंड में कार्य करने की शुरुआत कर रही है । जो हमारे लिए गौरव की बात है। यह गैर लाभकारी शैक्षिक संस्थान है । इनकी कार्यशैली में पेशेवर बदलाव प्राथमिकता में है जो कि समानता आधारित समाज की स्थापना शिक्षा के माध्यम से करना है। जिसमें हम शिक्षकों की बड़ी भूमिका है। पिछले 25 साल से देश के विभिन्न राज्य में शासकीय स्कूल में सहयोग प्रदान कर रही है। इसी कड़ी में आज पहली बार जेंडर असमानता जैसे महत्वपूर्ण टॉपिक को लेकर प्रेमचंद जयंती के अवसर पर हमारे विद्यालय में आये और हमारे बच्चों के साथ *पोस्टर प्रदर्शनी,"आईना" शॉर्ट फिल्म और प्रश्न मंच* के माध्यम से खुली चर्चा किये।
आगे भी इस तरह के आयोजन में लगातार संस्थान की मदद की आवश्यकता हमारे विद्यालय को रहेगा । हमें आगे भी सहयोग अपेक्षित रहेगी । बच्चो को भी यह आयोजन बहुत अच्छा लगा। पोस्टर प्रदर्शनी में अधिकतर बच्चों ने अवलोकन करते हुए अपनी नोट बुक में दर्ज कर रहे थे। उपस्थित शिक्षकों ने भी खुलकर इस आयोजन के संदर्भ में विचार रखे। इस दौरान संस्थान सदस्य के रूप में नितेश, चंद्रशेखर और नरेन्द्र की भागीदारी रही।
सांस्कृतिक विभाग और आयोजन प्रभारी टीचर केशर मेम ने आभार व धन्यवाद ज्ञापित करते हुए इस तरह के अन्य आयोजन पर पुनः आमंत्रित करने के विचार के साथ समापन किये।
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