महिला शिक्षक सम्मान समारोह सम्पन्न
कार्यक्रम की शुरुआत महान संत परमपूज्य गुरु घासीदास बाबा जी के तैल चित्र पर पूजा-अर्चना से हुई। तत्पश्चात समाज के 70 महिला शिक्षकों (सेवानिवृत्त एवं कार्यरत) को शाल, श्रीफल, मोमेंटो और प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सूर्यबाला की गुरु घासीदास बाबा पर आधारित कहानियों के संकलन "अभियुक्त नारी संवेदना और जीवन मूल्य सत साहित्य" का विमोचन भी किया गया।
अपने उद्बोधन में गुरु खुशवंत साहेब ने गुरु घासीदास बाबा की शिक्षाओं, समाज में उनके योगदान, तथा समाज की एकता और विकास पर प्रकाश डाला। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जी द्वारा समाज के उत्थान, शिक्षा एवं सांस्कृतिक धरोहर संरक्षण हेतु चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी और गिरोधपुरी व भंडारपुरी धाम के विकास हेतु स्वीकृत राशि का उल्लेख किया।
श्रीमती सरला कोसरिया ने कहा कि महिला शिक्षिकाएं घर–परिवार के साथ-साथ समाज निर्माण की सशक्त आधारशिला हैं। उन्होंने महिला सशक्तिकरण एवं शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि राज्य और केंद्र सरकार महिलाओं के विकास के लिए कई योजनाएं संचालित कर रही हैं तथा 33% आरक्षण महिलाओं को नए अवसर प्रदान कर रहा है।
इस अवसर पर डॉ. सुनीता सोनवानी (अध्यक्ष, महिला प्रकोष्ठ) ने स्वागत उद्बोधन दिया, सुश्री अंजली बरमार ने मंच संचालन किया और श्रीमती चंपा देवी गेंदले ने आभार प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से –
सुश्री अंजलि बर्माल, श्रीमती सपन लक्ष्मी भारती, श्रीमती चित्रा जांगड़े, श्रीमती सुनीता सोनवानी, श्रीमती चंपा देवी गेंदल, श्रीमती ममता टंडन, श्रीमती पूनम जोशी, श्रीमती मनीषा मल्होत्रा, श्रीमती रीमा चेलक, श्रीमती आशु टावरे, श्रीमती गीतांजलि बांधे, श्रीमती काजल जांगड़े, श्रीमती चंद्रकला जांगड़े सहित अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।







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