धर्मगुरू बालदास साहेब के जन्मदिवस पर सतनामी समाज का स्वाभिमान दिवस — मंत्री गुरू खुशवंत साहेब के शासकीय आवास में हुआ भव्य गृह प्रवेश कार्यक्रम
रायपुर (सृजन भूमि छत्तीसगढ़)। 18 अक्टूबर 2025।
छत्तीसगढ़ की भूमि आज सतनाम के जयघोष से गूंज उठी, जब धर्मगुरू बालदास साहेब के पावन जन्मदिवस अवसर पर सतनामी समाज ने पूरे प्रदेश में स्वाभिमान एवं सम्मान दिवस के रूप में उत्सव मनाया। इस अवसर को और अधिक ऐतिहासिक बनाने के लिए प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री गुरू खुशवंत साहेब के शासकीय आवास, नवा रायपुर अटल नगर एम-3 में भव्य गृह प्रवेश कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस कार्यक्रम में प्रदेशभर से सतनामी समाज के संत-महात्मा, समाजसेवी, जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं पत्रकार बड़ी संख्या में शामिल हुए। पूरा परिसर सतनाम के नारों, गुरु वंदना और समाज एकता के संदेशों से आलोकित रहा।
बालदास साहेब की जयंती पर स्वाभिमान का प्रतीक आयोजन
गुरू गद्दीनशी भंडारपुरी धाम के धर्मगुरू बालदास साहेब, जो अखिल भारतीय सतनाम सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं गिरौदपुरी धाम मेला समिति के अध्यक्ष भी हैं, उनके जन्मदिवस को समाज ने सदैव आत्मसम्मान और सामाजिक चेतना का दिवस माना है। आज का आयोजन भी उसी परंपरा का सशक्त प्रतीक रहा।
इस अवसर पर संत समाज के अनेक विद्वान संतों ने अपने प्रवचनों के माध्यम से बालदास साहेब के जीवन, उनके आदर्शों और सतनाम पंथ के मूल सिद्धांतों – सत्य, अहिंसा, समानता और आत्मबल – का स्मरण कराया।
गुरू खुशवंत साहेब का गृह प्रवेश — समाजिक एकता का नया अध्याय
कैबिनेट मंत्री गुरू खुशवंत साहेब के शासकीय आवास में गृह प्रवेश कार्यक्रम के दौरान प्रदेशभर से आए समाजजन और अतिथियों ने उन्हें शुभकामनाएँ दीं। इस अवसर पर मंत्रोच्चार, हवन-पूजन और सतनाम की महाआरती के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई।
गुरू खुशवंत साहेब ने इस अवसर पर कहा कि “गुरू बालदास साहेब का जीवन समाज के हर वर्ग के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने हमें सिखाया कि आत्मसम्मान और एकता ही समाज की सबसे बड़ी शक्ति है। आज का यह आयोजन उन्हीं के बताए मार्ग पर चलने का प्रतीक है।”
प्रदेशभर से उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
गृह प्रवेश एवं जयंती समारोह में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से संत समाज के प्रतिनिधि, महिला मंडल, युवा दल और सामाजिक संगठन बड़ी संख्या में पहुंचे। कार्यक्रम में रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बालोद, जांजगीर, मुंगेली, सरगुजा और महासमुंद सहित अनेक जिलों से श्रद्धालुओं की उपस्थिति रही।
कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने एक स्वर में सतनाम समाज की एकता और प्रगति के लिए संकल्प लिया।
धार्मिक व सांस्कृतिक माहौल में संपन्न हुआ आयोजन
पूरा परिसर सजावट, पुष्पों और सतनाम ध्वजों से सुसज्जित था। कार्यक्रम में भजन मंडलियों ने सतनाम भक्ति गीत प्रस्तुत किए। सतनाम सेना के युवाओं ने समाज के इतिहास और योगदान पर आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुति देकर सभी का मन मोह लिया।
कार्यक्रम के अंत में समाज के वरिष्ठ संतों ने गुरू खुशवंत साहेब को आशीर्वाद दिया और धर्मगुरू बालदास साहेब के दीर्घायु एवं समाज की उन्नति की कामना की।
एकता, सम्मान और आत्मगौरव का संदेश
आज का दिन केवल एक जयंती नहीं, बल्कि समाज के स्वाभिमान का उत्सव बन गया। सतनामी समाज ने यह संदेश दिया कि जब समाज एकजुट होकर अपने धर्मगुरुओं के आदर्शों पर चले, तो प्रगति और सम्मान स्वतः सुनिश्चित होते हैं।





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