मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय एवं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह पहुँचे गुरु खुशवंत साहेब के शासकीय आवास


सतनामी स्वाभिमान दिवस पर हुआ भव्य आयोजन, गुरु बालदास साहेब जी के आदर्शों पर चलने का आह्वान


रायपुर। 19 अक्टूबर 2025।

परम पूज्य पिताश्री राजागुरु, धर्मगुरु गुरु बालदास साहेब जी के अवतरण दिवस “सतनामी स्वाभिमान दिवस” के अवसर पर राजधानी नवा रायपुर स्थित शासकीय आवास में धर्मगुरु गुरु खुशवंत साहेब जी के आतिथ्य में भव्य गृह पूजा एवं सतनाम परंपरा से ओतप्रोत कार्यक्रम का आयोजन हुआ।

इस पावन अवसर पर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री माननीय श्री विष्णुदेव साय एवं ऊर्जावान विधानसभा अध्यक्ष माननीय डॉ. रमन सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहे। दोनों गणमान्य अतिथियों ने कार्यक्रम में सम्मिलित होकर सतनामी समाज सहित समस्त श्रद्धालुओं को शुभकामनाएँ दीं और गुरु बालदास साहेब जी के जीवन आदर्शों का स्मरण किया।


कार्यक्रम में आगमन पर मुख्यमंत्री श्री साय और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सिंह का सतनामी परंपरा अनुसार फूल-माला, अंगवस्त्र एवं आरती के साथ आत्मीय स्वागत किया गया। पूरा परिसर “सतनाम सतनाम” के जयघोष से गूँज उठा।


मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने उद्बोधन में कहा — “गुरु बालदास साहेब जी का जीवन समाज के स्वाभिमान, समानता और मानवता के उच्च मूल्यों का प्रतीक है। उन्होंने समाज को जागृति और आत्मगौरव का मार्ग दिखाया। राज्य सरकार सतनामी समाज के योगदान को सदैव सम्मानपूर्वक याद रखेगी।”


विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा — “गुरु परंपरा भारतीय संस्कृति की आत्मा है। गुरु बालदास साहेब जी ने समाज को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने का कार्य किया। आज का यह दिवस सतनामी समाज की एकता और आत्मगौरव का प्रतीक है।”


इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री माननीय श्री दयालदास बघेल, वरिष्ठ विधायक माननीय श्री डोमनलाल कोर्सेवाडा, हरिभूमि समाचार पत्र एवं आईएनएच न्यूज़ के प्रधान संपादक माननीय डॉ. हिमांशु द्विवेदी, सहित अनेक गणमान्यजन, संतगण एवं श्रद्धालु उपस्थित रहे।


कार्यक्रम के समापन अवसर पर धर्मगुरु गुरु खुशवंत साहेब जी ने मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष तथा सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा — “आप सभी का स्नेह, आशीर्वाद और आत्मीयता हम सबके लिए प्रेरणादायी है। यह दिवस केवल उत्सव नहीं, बल्कि सतनामी समाज की अस्मिता, त्याग और समानता का प्रतीक है।”


गृह पूजा उपरांत सतनाम भजन, प्रवचन एवं सामूहिक प्रसादी का आयोजन किया गया। पूरे कार्यक्रम में भक्ति, श्रद्धा और सामाजिक एकता का अद्भुत समागम देखने को मिला।