सैकड़ो एकड़ खेतों में बोआई के बाद बीज अंकुरित नहीं
घटिया बीज से खेतों में उगा भ्रष्टाचार कट गए किसानों के सपने
छत्तीसगढ़ में रबी मौसम भले ही इस बार मेहरबान रहा, पर फसल की अच्छी उम्मीद लगाए किसानों के अरमानों पर पानी फिर गया है। किसान नई मुसीबत में फंस गए हैं।इससे किसानों में हाहाकार मच गया है। खेतों में उगे भ्रष्टाचार से किसानों के सपने टूट रहे हैं।किसानी और परेशानी का साथ हर दिखता है. भले ही किसान कल्याण के लिए बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं लेकिन उनकों सिस्टम की दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है. हालिया मामला बलौदाबाजार भाटापारा जिले के पलारी विकासखंड के आसपास गाँव जैसे सिसदेवरी, टीला से आया है, जहाँ पर प्रमाणित बीज के वितरण को लेकर किसानों को चक्कर लगवाया जा रहा है. किसानों को बीज वितरण में कृषि विभाग के अधिकारी पर मनमानी और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया कि कृषि विभाग द्वारा बांटे गए गेहूं के खराब बीज ने पलारी विकासखंड के किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया है. किसानों ने सरकार पर भरोसा करके बीज खरीदे थे, लेकिन अब वे न केवल आर्थिक रूप से बर्बाद हो गए हैं बल्कि उनकी मेहनत और समय भी व्यर्थ हो गया.ग्रामीणों ने बताया कि बीज वितरण प्रभारी द्वारा ने चहेतों को सरकारी योजनाओ दिलवाकर इतिश्री कर ली।
**गेहूँ बीज की असफलता से किसानों को नुकसान**जिले में बीते दिसंबर में किसानों को कृषि विभाग द्वारा गेहूँ के बीज वितरित किए गए थे. बीज बोने के महीने बाद भी बीज नहीं आए, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा. यह नुकसान सिर्फ बीजों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि खेत की तैयारी और अन्य लागतें भी व्यर्थ हो गईं.किसानो ने कहा, “यह सरकारी बीज हमने इसलिए खरीदा था क्योंकि प्रमाणित बीच की जानकारी कृषि विभाग के द्वारा दी गई थी कृषि विभाग के अधिकारी ने कहा था कि यह बीज कम समय में तैयार हो जाता है और प्रति एकड़ 40 क्विंटल उत्पादन देगा. लेकिन अब स्थिति यह है कि लागत भी वापस नहीं मिल रही है.”
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*सरकारी योजनाओं की विफलता*प्रधानमंत्री द्वारा किसानों को अनाज के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करने हेतु कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. इनमें गेहूँ चना सरसो जैसी रबी फसलें शामिल हैं. इन योजनाओं के तहत कृषि विभाग मे संचालित योजना के अंतर्गत 30 क्विंटल से अधिक गेहूँ बीज मंगवाया था और जिले के 76 किसानों में बांटा था. लेकिन, बीज की खराब गुणवत्ता ने किसानों को बड़ा नुकसान पहुंचाया है.किसानों ने बताया कि सिर्फ 20से 25 परसेंट बीज ही उग पाए हैं बाकी 75 से 80 परसेंट बीज नहीं उग पाए हैं जिसकी शिकायत की गई थी लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार से कोई मुआवजा नहीं दिया गया है।धर्मेंद्र चंद्राकर,बालाराम चंद्राकरभीम चंद्राकर,रोहित,रामेश्वर,लोकनाथ,शत्रुहन,योगेश, राकेश, तोरण चंद्राकर तुकेश्वर,रुपेश चंद्राकर, भूषण साहू,सुरेश, गोरखनाथ चंद्राकर इत्यादि किसानो ने मीडिया के सामने अपने समस्या से अवगत कराया
*निष्कर्ष*कृषि विभाग द्वारा बांटे गए गेहूँ के खराब बीज ने पलारी विकासखंड के किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया है. किसानों ने सरकार पर भरोसा करके बीज खरीदे थे, लेकिन अब वे न केवल आर्थिक रूप से बर्बाद हो गए हैं बल्कि उनकी मेहनत और समय भी व्यर्थ हो गया. किसानों की मांग है कि उन्हें इस नुकसान की भरपाई की जाए और भविष्य में बीज वितरण से पहले उसकी गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए ताकि किसानों को ऐसे नुकसान का सामना न करना पड़े., शिकायतकर्ता किसानों ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि शिकायत किए हैं लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार से मुआवजा नहीं मिलने की कोई जानकारी नहीं मिली है।वही मुआवजा के सम्बंध मे अधिकारी का कहना है कि यदि प्राकृतिक आपदा जैसे समस्या सामने आती तो बीमा योजना मिलता किन्तु ये जर्मनेशन की समस्या है इसमें बीमा योजना लागु नहीं होता है जर्मनेशन समस्या मे पचास प्रतिशत से कम अंकुरित होती है तो बीमा का लाभ पाता है जबकि रिपोर्ट के अनुसार जर्मनेशन पचास प्रतिशत से अधिक है किन्तु किसानो ने बताया की केवल 20-25प्रतिशत ही उगी थी हम किसानो द्वारा बीज खरीद कर दोबारा बुवाई कराया गया है *
*शिकायत जांच के लिए पाँच सदस्यीय गठित जांच दल**उपसंचालक क़ृषि अधिकारी द्वारा किसानो के लिखित शिकायत जांच के लिए पाँच सदस्यीय गठित जांच दल गठित किया गया जो भौतिक स्थल जांच कर तीन दिवस के भीतर जांच के रिपोर्ट प्रस्तुत करने को निर्देशित किया गया जांच दल मे अनुविभागीय कृषि अधिकारी (नोडल अधिकारी )विषय वस्तु विशेषज्ञ (सदस्य )बीज प्रबंधक( सदस्य) सहायक बीज प्रमाणीकरण अधिकारी(सदस्य) संबंधित क्षेत्र के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी / ग्रा.कृ.वि.अधि.(सदस्य) है।
**आखिर किसानो की समस्या सुनेगा तो सुनेगा कौन**
वही इस सम्बन्ध मे चेनल के रूप मे संवाददाता से जानकारी चाही गयी किन्तु किसी भी अधिकारी द्वारा पूर्ण जानकारी नहीं दिया गया। सबसे पहले पलारी विकासखंड के ग्राम सेवक जो सिसदेवरी, टीला के प्रभारी कृषि अधिकारी से बीज अंकुरित नहीं होने एवं किसानो को बीज वितरण के बारे मे जानकारी चाही गयी है तो उनके द्वारा शिकायत की जांच उच्च अधिकारी कर रहे है करके पल्ला झाड़ दिए उसके बाद मामले से सम्बंधित जांच अधिकारी एवं अनुविभागीय अधिकारी (क़ृषि) जांच के विषय मे बताने से मना कर दिया एवं उनके द्वारा बीज निगम प्रभारी के चितरंजन पटेल से बात करने को कहा गया उसके बाद जांच अधिकारी के कहे अनुसार कार्यालय बीज निगम पहुंचकर संपर्क किया तो वे कार्यालय मे नहीं थे मोबाइल से बात होने पर उनके द्वारा बताया गया कि कार्यालीन कार्यों से भाटापारा गया साथ ही साथ उन्होंने बताया कि किसानो को बीज वितरण कृषि साख समिति के माध्यम किया गया है या तो फिर विकासखंड कृषि कार्यालय पलारी से किया गया होगा बीज की गुणवत्ता मेरे क्षेत्राधिकार से बाहर है आप सम्बंधित अधिकारी से बात कर सकते है उसके बाद संवाददाता द्वारा बीज की गुणवत्ता से सम्बंधित बीज प्रामाणिकरण अधिकारी अंकिता जैन से जानकारी चाही गयी जिसमे उनके द्वारा कहा गया कि आपको मेरे मोबाइल नंबर कौन दिया है वही इस मामले की जानकारी आपको उपसंचालक क़ृषि अधिकारी या तो शिकायत के नोडल अधिकारी से बात करना चाहिए मेरे से नहीं।तत्पश्चात संवाददाता ने उपसंचालक क़ृषि अधिकारी से मोबाइल से संपर्क करके मामले के बारे मे जानकारी चाही गयी किन्तु उनके द्वारा मोबाइल रिसीव नहीं किया गया।
मामले मे विभाग के उच्च अधिकारियो के वर्जन लेकर अगले अंक मे प्रकाशित की जाएगी।