राम भजन संध्या का भव्य आयोजन, मुख्य अतिथि के रूप में टंकराम वर्मा हुए उपस्थित
बलौदाबाजार, छत्तीसगढ़। 06 अप्रैल 2024
राम महागाथा भजन संध्या आयोजन दशहरा मैदान में हजारों राम भक्त शामिल हुए, बलौदाबाजार स्थित दशहरा मैदान में भजन संध्या आयोजन समिति द्वारा राम महागाथा भजन का आयोजन किया गया, इस आयोजन में 500 वर्षों का पूरा भजन के माध्यम से पूरी कहानी का वर्णन किया गया, इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ शासन के कैबिनेट मंत्री टंक राम वर्मा बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए, इस आयोजन में उनके साथ वरिष्ठ नेता विजय केसरवानी, अशोक जैन, नगर पालिका अध्यक्ष चितावर जायसवाल, नरेश केसरवानी, संयोजक संजय श्रीवास, शिव नरेश मिश्रा, श्रीमती नीलम सोनी, रजनी केसरवानी, सुनीता वर्मा, खोड़स कश्यप, टेसूलाल धुरंधर, संतोष वैष्णव, श्रीमती रीटा केसरवानी, सविता प्रदीप साहू,उपेंद्र वर्मा सहित बड़ी संख्या में नगर के राम भक्त इस कार्यक्रम में भजन का आनंद लेने उपस्थित हुए।
आयोजन मुंबई के मोहित शिवानी ग्रुप के द्वारा संगीतमय राम महागाथा की प्रस्तुति दी गई, जिसमें रामायण के आठों कांड (बालकाण्ड अयोध्याकाण्ड, अरण्यकाण्ड, किष्किंधाकाण्ड, सुंदरकाण्ड, लंकाकाण्ड, उत्तरकाण्ड, लव-कुश काण्ड) सहित हनुमान जी की महिमा का भी बखान किया गया, हनुमान चालीसा का पाठ भी किया गया, प्रभु श्री राम की स्तुति का भी वर्णन किया गया, और इस बड़े ही भावपूर्ण कार्यक्रम में पूरा बलौदाबाजार राममय सा प्रतीत होनें लगा और राम-राम की गुंजन से मानो पूरा बलौदाबाजार अयोध्या जैसा हो गया, और एक-दूसरे में राम प्रभु की छवि भी दिखनें लग गया।
मंत्री टंक राम वर्मा नें इस कार्यक्रम में जो राम की कथा है उसको अपनें भाव से बताते हुए कहा कि राम नाम की महिमा का बखान वाल्मीकि नें अपनें रामायण में, तुलसीदास नें अपने रामचरित्र मानस में बड़े ही सुंदर शब्दों में वर्णन किया है और रामायण में आठ काण्ड, रामचरित मानस में सात काण्ड में बड़े ही सुंदर और पतित पावन ढंग से प्रभु राम की गाथा का वर्णन किया है, मंगलाचरण से भगवान गजानन स्वामी की स्तुति से यह रामायण की पाठ आरंभ होती है, और उत्तरकाण्ड में यह पाठ की समापन स्तुति से ही बाबा तुलसीदास नें और वाल्मीकि महाराज जी नें समापन किया है, संतों का भी कहना है कि रामायण हमें जीना सिखाती है, जीवन के क्रियाकलापों को सिखाती है, सीता जैसी बहू होनी चाहिए, राम जैसा पुत्र होना चाहिए, लक्ष्मण जैसा भाई होना चाहिए, भरत जैसा सेवक होना चाहिए और हनुमान जी जैसा भक्त होना चाहिए, इस प्रकार की नाना प्रकार की बातें राम की कथा में मिलती है सुनने को भी और अपनें जीवन में उतारनें को भी, अतः यह कथा सुननें के बाद जीवन में बदलाव आना चाहिए।
बाबा तुलसीदास जी कहते हैं कि
राम-राम मय सब जग जानी, करहु प्रणाम जोरी जुग पानी।।
उपरोक्त भाव से हमें अपनें जीवन में रामायण पढ़नें के बाद उस चलचित्र को अपने मन में बसाकर राम प्रभु की छवि को हृदय में धारण करते हुए जो बाबा तुलसीदास जी कहते हैं कि, एक घड़ी आधो घड़ी, अआधो के पुनियाद, तुलसी चर्चा राम के कटै कोट अपराध।
इस तरह से मुंबई के कलाकारों के द्वारा बड़े ही भव्य तरीके से इस कार्यक्रम को संगीतमय रूप से प्रस्तुत किया गया, और राम महागाथा के वर्णन करते हुए अपनें संगीत रूपी मधुर वाणी से उत्प्रोत पूरे बलौदाबाजार के शहर में किया गया और लोग आनंदित हुए, मंत्रमुग्ध हो गए, यह कार्यक्रम लगभग रात 11:00 बजे तक चला, शाम 07:00 बजे से प्रारंभ हुआ था, और लोगों नें खूब इस कार्यक्रम की सराहना भी की और जय श्री राम के नारे लगाए।