महतारी सदन” योजना की हकीकत: एक साल में भी अधूरा निर्माण, सोनाडीह पंचायत में योजना के क्रियान्वयन पर सवाल
छत्तीसगढ़ परिदर्शन -बलौदाबाजार।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलाई जा रही “महतारी सदन” योजना की जमीनी हकीकत सरकार की मंशा को ठेंगा दिखा रही है। जिला मुख्यालय से कुछ ही किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत सोनाडीह में इस योजना के तहत निर्माणाधीन सदन एक साल बाद भी अधूरा पड़ा हुआ है।वर्ष 2023-24 में इस कार्य के लिए जिला खनिज न्यास निधि से 16 लाख रुपये स्वीकृत किए गए थे। कार्य की शुरुआत 12 मार्च 2024 को तय की गई थी, जिसकी जिम्मेदारी तत्कालीन सरपंच प्रिया बिसौहा सारधी को सौंपी गई थी। तकनीकी निरीक्षण की जिम्मेदारी उपअभियंता डी. पी. साहु को दी गई थी।लेकिन आज तक भवन की केवल अधूरी दीवारें ही खड़ी हो पाई हैं। छत नहीं डली है, न ही आंतरिक कार्यों की कोई शुरुआत हुई है। इस अधूरे निर्माण कार्य ने ग्रामवासियों और महिला समूहों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।ग्राम की महिलाओं का कहना है कि उन्हें उम्मीद थी कि “महतारी सदन” के जरिए वे प्रशिक्षण, बैठक और अन्य सामाजिक कार्यों के लिए एक स्थायी स्थान पा सकेंगी। लेकिन निर्माण कार्य की सुस्त गति और अधिकारियों की उदासीनता से निराशा हाथ लगी है।
![]() |
स्थानीय लोगों ने निर्माण कार्य में लापरवाही, समयसीमा की अनदेखी और जवाबदेही की कमी को लेकर मिडियाकर्मी के माध्यम से जिला प्रशासन से शिकायत की है।अब सवाल यह उठता है कि जब जिला मुख्यालय के समीप यह हालात हैं, तो दूरस्थ, आदिवासी और वनांचल क्षेत्रों में इस योजना की स्थिति कितनी खराब होगी?सरकार द्वारा चलाई जा रही महिला सशक्तिकरण की योजनाएं केवल कागजों तक ही सीमित न रह जाएं, इसके लिए ज़रूरी है कि जिम्मेदार अधिकारी समयबद्ध तरीके से कार्य की निगरानी करें और लापरवाहियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। |
राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजना -महतारी सदन महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक ।
स्वीकृत महतारी सदन में कमरा, बरामदा, हाल, किचन, स्टोररूम, पेयजल हेतु ट्यूबवेल और सामुदायिक शौचालय जैसी होंगी सुविधायें प्रदेश के प्रत्येक ग्राम पंचायतों में ग्रामीण महिलाओं को स्वावलंबी एवं आत्मनिर्भर बनाने तथा आपसी समरसता स्थापित करने सामायिक कार्यक्रमों में सामूहिक भागीदारी तथा महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के निर्देशानुसार महतारी सदन का निर्माण कार्य किया जाना है। उपमुख्यमंत्री एवं पंचायत ग्रामीण विकास मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि न्यू इंडिया के ग्रोथ साइकल में महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आत्मनिर्भर भारत अभियान महिलाओं की क्षमता को देश के विकास के साथ जोड़ रहा है। प्रदेश के ग्राम पंचायतों में बनने जा रहा महतारी सदन भी इसी दिशा में एक प्रयास है। उन्होंने कहा कि लगातार ग्राम भ्रमण के दौरान महिलाओं द्वारा बैठने की स्थान न होने की शिकायत की और बैठने हेतु स्थान दिलाने की मांग की जाती रही इसलिए महतारी सदन बनाने का विचार आया। ततपश्चात महिलाओं को रोजगार दिलाने और उनको काम काज के लिए स्थान उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार गांवों में महतारी सदन बनाने जा रही है। कार्यों में एकरूपता के दृष्टिकोण से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा कार्य का एक मानक डिजाईन एवं प्राक्कलन तैयार किया गया है। प्रति महतारी सदन की लागत राशि रुपये 29.20 लाख होगी। उक्त कार्य महतारी सदन योजना के बजट से 24.70 लाख तथा स्वच्छ भारत मिशन के बजट से 4.50 लाख के अभिसरण से किया जाएगा।
5 वर्षो में सभी ग्राम पंचायतों में महतारी सदन बनाने की योजना प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों में महतारी सदन बनाया जाएगा। महतारी सदन बनाने की शुरुआत हो गयी है। पहले चरण में प्रदेश के प्रत्येक विकासखंड में महतारी सदन बनना प्रारंभ किया जा रहा है व 5 साल में सभी ग्राम पंचायत में महतारी सदन बनेंगे।प्रदेश में बनने वाले महतारी सदन का निर्माण लगभग 25 सौ वर्गफुट में कराया जाएगा। सदन में कमरा, शौचालय, बरामदा, हाल, किचन और स्टोररूम जैसी सुविधाएं रहेगी। पानी के लिए ट्यूबवेल के साथ वाटर हार्वेस्टिंग भी किया जाएगा। महिलाओं की सुरक्षा के लिए इसमे बॉउंड्रीवाल भी बनाये जाएंगे। महतारी सदन में सामुदायिक शौचालय का भी निर्माण किया जाएगा।