अतिथि व्याख्याता शिक्षकों ने पत्रकार को साझा किया पत्र, जाने मामला, छत्तीसगढ़ शासन उच्च शिक्षा विभाग से लगाया गोहार

अतिथि व्याख्याता शिक्षकों ने पत्रकार को साझा किया पत्र, जाने मामला,,,


प्रति,                                                            समस्त पत्रकार/प्रिंट मीडिया 

 रायपुर (छ०ग०)


विषय :-अतिथि व्याख्याता पॉलिसी 2024 के संबंध में।


संदर्भः- छत्तीसगढ़ शासन उच्च शिक्षा विभाग के पत्र क्र. एफ 3-54/स्था./2020/38-1 नवा रायपुर अटल नगर दिनांक 20/06/2024 |


विषयान्तर्गत संदर्भित पत्र के तारतम्य में लेख है कि छत्तीसगढ़ शासन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा हाल ही में अतिथि व्याख्याता पॉलिसी 2024 लागू की गई है। महोदय उक्त पॉलिसी के कुछ कंडिकाओं में छत्तीसगढ़ राज्य के समस्त विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयो एवं अतिथि व्याख्याताओं में भ्रम एवं विवाद की स्थिति बनी हुई है जिसको स्पष्ट करना जरुरी है एवं हम अतिथि व्याख्याताओं की कुछ गंभीर समस्याओं का निराकरण इस पॉलिसी में नही किया गया है। महोदय, हमारा निवेदन है कि हमें निम्नलिखित कंडिकाओं पर मार्गदर्शन एवं हमारी कुछ समस्याओं का निराकरण चाहते है जो कि इस


प्रकार है :-


1. अतिथि व्याख्याता पॉलिसी 2024 के कंडिका क्रमांक 13 (न्यायालीन प्रकरण) के उप कंडिका 13.2 के अनुसार


"माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पूर्व में जिन अतिथि व्याख्याताओं हेतु स्थगन आदेश जारी किये है, ऐसे अतिथि व्याख्याताओं पर इस नीति के प्रावधान लागू नही होंगे।" उक्त कंडिका (13.2) की व्याख्या/अर्थ/मतलब स्पष्ट करने की कृपा करें क्योंकि इस कंडिका की व्याख्या न होने की वजह से पूर्व में कार्यरत समस्त अतिथि व्याख्याताओं में मानसिक तनाव, भ्रम एवं डर की स्थिति बनी हुई है।

CG में अतिथि व्याख्याता  नीति 2024 भर्ती घोटाला क्या होता है। समझिए                                भूपेश बघेल सरकार बदलने के बाद अचानक बीजेपी सरकार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने का फरमान जारी हुआ, लेकिन यूजीसी के नियम भी लागू करने है तो साय सरकार के विद्वान सलाहकारों ने एक नीति बनाने की सोची। इसे नाम दिया गया अतिथि व्याख्याता  नीति 2024 , असल में ये एक भर्ती घोटाला है।    *कैसे* दरअसल सरकार के पास स्टेट का कोई दाता नही है कि राज्य में कितने पीएचडी , नेट और पीजी है जो बेरोजगार है। *दूसरा*  सहायक प्राध्यापक के लिए योग्य अभ्यर्थी की संख्या तो बिलकुल नही पता। *तीसरा* - रोस्टर लागू नही है, क्योंकि जितने बैकलॉग पद है अधिकांश पद आरक्षित वर्ग के रिक्त रखे गए हैं, अब ये साजिश है या मन, ये सरकार के मन की बात है । *चौथा* - प्रदेश में किस विषय  पर किस महाविद्यालय पर कितने पद रिक्त है इसकी कही कोई जानकारी नहीं हैं सारा वेबसाइट देख लीजिए।,  *पांचवा* -  अतिथि व्याख्याता की सारी भर्ती प्रक्रिया ऑफलाइन है, उच्च शिक्षा विभाग ने अपने वेबसाइट में एक खंड बनाकर सारे कॉलेज के विज्ञापन अपलोड करे, ऐसी कोई व्यवस्था नहीं हैं  *छठवा* -  उच्च शिक्षा विभाग के वेबसाइट में  रिव्यू पत्रिका की लिस्ट नही  है जहां से एपीआई स्कोर देखा जा सके। *सातवा*- किसी भी कॉलेज की नियुक्ति में पारदर्शिता नहीं हैं, सिर्फ सेलेक्ट होने वाले अभयर्थी ही जनता है कि उसका हो गया। *आठवां*- ये एक ऐसी योजना बन गई है जिसमे पूरे देश से कोई भी अप्लाई कर सकता है, छत्तीसगढ़ में रिसर्च गाइड कम है ।और यूनीवर्सिटी भी कम है, तो कही योग्य शोध निर्देशक नही है इसलिए बहुत कम संख्या में पीएचडी है, लेकिन किस विषय में कितना पीएचडी इसकी जानकारी किसी को नहीं। *नौवा*-  छत्तीसगढ के बेरोजगार युवाओं को ठगने के लिए ये नीति बनाया गया हैं, यहां के युवाओं का ध्यान बिलकुल नहीं रखा गया हैं *दसवां*-  किसी भी कॉलेज में बैक डेट पर विज्ञापन जारी कर, किसी की भी नियुक्ति बहुत आसानी से कर सकता है, जो अक्सर होते आया है। क्योंकि यूजीसी के मिनिमम योग्यता और छत्तीसगढ उच्च शिक्षा विभाग में मिनिमम योग्यता में बहुत फर्क है ।  *सुझाव*- अगर आप योग्य अभ्यर्थी है और प्रदेश में अतिथि व्याख्याता भर्ती में शामिल हो रहे है तो, सारी प्रक्रिया ऑनलाइन करने की डिमांड कीजिए, पदो पर होने वाली हकमारी और गैर प्रदेश से आने वाले बेरोजगार पर रोक लगनी चाहिए, किस कॉलेज में कितने कैंडिडेड किस सब्जेक्ट से भर्ती प्रक्रिया में भाग ले सकते है, ये क्लियर कीजिए। उच्च शिक्षा विभाग वेबसाइट  में सारे रिक्त पदो की जानकारी अपलोड हो, भर्ती प्रक्रिया के ऑनलाइन जानकारी हो, सारे कैंडिडेड के नंबर सार्वजनिक किए जाए, ये लिस्टिंग हो कि कौन श्रेणी 1 में है और कौन 2 में और कौन 3 में। , जब कोई फॉर्म भरे तो ऑनलाइन हो , और लिस्ट भी जारी हो, फॉर्म भरने वाले अपनी चॉइस फिल कर दे, फिर उसे नंबर और मेरिट के हिसाब से नियुक्त करने का जिम्मा उच्च शिक्षा विभाग का हो, ना किसी कॉलेज के प्रिंसिपल की मनमानी हो । एक बात और ध्यान दिया जाए कि सारी भर्ती प्रक्रिया उच्च शिक्षा विभाग के देखरेख में हो। *वरना प्रदेश में अतिथि व्याख्याता भर्ती घोटाला के चश्मदीद बने रहें।*

अतः आपसे विनम्र निवेदन है समस्याओं का जल्द से जल्द निराकरण कर हम सभी अतिथि व्याख्याताओं को मानसिक तनाव से मुक्त करने की कृपा करें।

साथ ही साथ एक पत्र भी जारी किया है जिसमें धरना देने की भी बातें सामने आई है जो की अवगत हो 17.7.2024 को धरना स्थल तुता मैदान में धरना देने के लिए एक पत्र भी सजा किया गया है

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