प्रेस विज्ञप्ति
दिनांक 24/07/24
रायपुर
*आईपीए की शिकायत पर बिना फार्मासिस्ट संचालित मेडिकल हुवा सील*
*आईपीए की शिकायत पर बग़ैर फार्मासिस्ट चल रहे मेडिकल का लाइसेंस सस्पेंड किया औषधि प्रशासन ने*
रायपुर:- छत्तीसगढ़ इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन (IPA) लगातार बग़ैर फार्मासिस्ट संचालित मेडिकलों के ख़िलाफ़ खाद्य एवम औषधि प्रशासन विभाग को कार्यवाही करने मुहिम चला रहा है उसी कड़ी में आईपीए की शिकायत पर राजधानी शंकर नगर स्थित रत्निक फार्मा मेडिकल स्टोर का ड्रग लाइसेंस सस्पेंड कर दुकान को सील किया गया । उक्त मेडिकल दुकान बिना किसी पंजीकृत फार्मासिस्ट के उपस्थिति के संचालित हो रहा था । संगठन ने लाइसेंस में दर्ज फार्मासिस्ट की जानकारी हासिल किया तब पता चला कि फार्मासिस्ट एक दवा कंपनी में विगत कई वर्षों से MR है । फार्मासिस्ट का पंजीयन कैंसल करने रजिस्ट्रार छत्तीसगढ़ स्टेट फ़ार्मेसी कौंसिल को पत्राचार किया गया है साथ ही बग़ैर फार्मासिस्ट दवा विक्रय करने पर फ़ार्मेसी एक्ट 1948 के सेक्शन 42 एवम ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 रूल 1945 के सेक्शन 65 के तहत संचालक निखिल तिवारी और प्रतिभा मिश्रा के ख़िलाफ़ कार्यवाही करने विभाग को लिखा है ।
ज्ञात हो कि कोविड के बाद से मेडिकल स्टोरों की संख्या किराना दुकानों की तर्ज़ पर बढ़ने लगी है जिसमे फार्मासिस्ट के फ़ार्मेसी डिग्री और पंजीयन प्रमाण पत्र को किराए पर लेकर मेडिकल खोलने की होड़ शुरू हो गई है ।
ड्रग लाइसेंस नियमों के तहत मेडिकल स्टोर संचालन और एलोपैथी दवाएँ विक्रय करने के लिए फ़ार्मेसी की डिग्री अथवा डिप्लोमा अनिवार्य है । यदि कोई ग़ैर फार्मासिस्ट व्यक्ति दवाओं का विक्रय करता है तब उसको दो लाख रुपए जुर्माना या तीन माह कारावास अथवा दोनों ही हो सकता है ।
*फ़ार्मेसी या मेडिकल व्यवसाय एक प्रोफेशनल व्यवसाय है जिसमे आम लोगो का सेहत और जीवन मृत्यु जुड़ा हुवा है इशलिये इसके संचालन के नियम बेहद कड़े हैं । आम लोगों को अंग्रेज़ी दवाएँ फार्मासिस्ट द्वारा संचालित मेडिकल से ही ख़रीदना चाहिए*
*इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन फार्मासिस्ट राहुल वर्मा प्रदेश सचिव*