कॉविड-19 के समय लगाया गया फर्जी आरोप! 3 साल बाद मदिरा दुकान के सेल्समैन दोष मुक्त
सेल्समेन ने मांगा सरकार से 3 वर्ष का क्षतिपूर्ति राशि
इस प्रकार कंपनी के ऊपर कब होगी कार्यवाही
लोगों को कब मिलेगी न्याय
हजारों लोगों को इस प्रकार फर्जी केस में फंसा कर किया गया हैं बाहर
अधिकारी ने कहा कि इस प्रकार लड़ने वाला आप पहले आदमी हो
जिला कलेक्टर , महाप्रबंधक cmscl, उपायुक्तत को दिये ज्ञापन
रायपुर :-छत्तीसगढ़संक्षिप्त विवरण- नेवरा मदिरा दुकान में धीरेंद्र जायसवाल सेल्समैन के पद पर था। सेल्समेन पर A2Z प्लेसमेंट कंपनी तथा दुकान प्रभारी GR आड़े के द्वारा, 2 प्लेन मदीरा में ₹10-10 अतिरिक्त लेने के आधार पर आबकारी एक्ट के तहत 39 (ग) का आरोप लगाया गया। जिसमें दो गवाहों को बुलाकर बिना बताए पंचनामा कागज पर हस्ताक्षर कराए गए। और साथ में सुपरवाइजर को भी कार्य से पृथक किया गया।
सूचना से पता चला है कि दोनों गवाह मसाला शराब का सेवन करते हैं, प्लेन का सेवन नहीं करते हैं। जबकि सेल्समैन हमेशा प्लेन काउंटर पर ही बैठता था। सात आठ महीने के बाद कलेक्ट्रेट में हस्ताक्षर करने के लिए सेल्समैन को बुलाया गया, सेल्समैन के द्वारा हस्ताक्षर करने और मुहचलका से बाहर होकर कोर्ट में अपने न्याय के लिए लड़ने के लिए तैयार हो गया। अपने प्राइवेट वकील के द्वारा पूछा गया तो सेल्समैन के द्वारा बताया गया कि मैंने कोई ग़लत नहीं किया है, और मेरे को केस लड़ना है।
कोर्ट में फाइन पटाने के लिए कहा गया, लेकिन सेल्समैन ने कहा मैं कैसे लडूंगा और लड़ा, कैसे चलता रहा 3 साल बीत गए, गवाह बुलाए गए, गवाहों ने भी कह दिया हमसे बिना बताए हस्ताक्षर कराए गए हैं, आखिर अंत में सच्चाई को ही जितना पड़ा, और सेल्समेन धीरेंद्र जायसवाल को दोष मुक्त कर दिया गया।
मानसिक परेशानी-कोविड-19 के समय पर कार्य से पृथक कर,1माह 15दिन पेमेंट नहीं देकर, आरोप लगा दिया गया। जिससे घर में आर्थिक परेशानी, मानसिक परेशानी, जनहानि का सामना करना पड़ा। आखिर इसका जिम्मेदार कौन, शासन प्रशासन या फिर सिस्टम।
गुहार-सेल्समैन के द्वारा आबकारी अधिकारी, A2Z प्लेसमेंट कंपनी और कलेक्टर महोदय से अपनी कोर्ट में फाइनल होते तक की पेमेंट, पुनः कार्य में बहाली के लिए आवेदन दिया गया।