निजी मोबाईल कम्पनी टॉवर के अधिकारियों एवं कर्मचारियों का घोर लापरवाह देखे पूरी मामला क्या है?

 बलौदा बाजार:-


कसडोल विधानसभा के पुलिस थाना एवं तहसील लवन अंतर्गत ग्राम पंचायत तिल्दा में एक और सुर्खियों वाली खबर सामने आया है।दरसअल अभी जो मामला प्रकाश में आया है वह सभी के होश उड़ाने वाला है।आईए मामले पर पूरी प्रकाश डालते चले तो पता चलता है कि आचार संहिता पूर्व किसी निजी मोबाईल कम्पनी टॉवर के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के सदस्यों ने ग्राम पंचायत को मोबाईल टॉवर लगाने की अनुमति चाही जिस पर पंचायत ने यह कहकर अनुमति देने से मना कर दिया कि उनके पास सरकारी जगह नहीं है।लेकिन पंचायत ने टॉवर कम्पनी के अधिकारियों को गॉव के कुछ व्यक्तियों से संपर्क करवाया कि इनके पास निजी रजिस्टर्ड पट्टे वाली जमीन हैं ,जगह होगा तो चर्चा कर लेंगे।जिस पर टॉवर कम्पनी के अधिकारियों ने गॉव के उस व्यक्ति से सम्पर्क किया जिसका सुझाव ग्राम सरपंच ने दिया, मोबाईल कम्पनी ने अपने जमीन में जगह देने वाले व्यक्ति को जगह का किराए देने की पेशकश किये होंगे जिसके चलते जमीन देने वाले व्यक्ति ने पंचायत से एनओसी आवेदन लगाए या नहीं की मांग पट्टे वाली भूमि को दिखाकर किये जिस पर पंचायत पट्टे वाली भूमि का बिना सीमांकन बिना राजश्व अमला के जांच बिना एनओसी दिये गए।अब एनओसी पंचायत से मिलने पर एनओसी प्राप्त कर्ता प्रसन्नता से फुले नहीं समाय और मोबाईल कम्पनी के अधिकारियों एवं जिला प्रशासन को गुमराह करते हुए निजी भूमि पट्टे एनओसी की आड़ में टॉवर सरकारी भूमि में लगा देने की मामला का खुलासा ग्रामीणों के माध्यम से पता चल रहा है।जो धोखाधड़ी के श्रेणी में आता है, जिसके लिए शासन प्रशासन को धोखे में रखकर घटना को अंजाम देना गंभीर अपराध माना गया है।जांच हुई तो निश्चित ही सच्चाई खुलेगा और उस व्यक्ति के साथ ग्राम पंचायत भी जिम्मेदार होंगे इनसे इंकार नहीं किये जा सकते हैं?हर माह कम्पनी से किराया प्राप्त करने के लालच किसी व्यक्ति को अपराध करने में मजबूर कर दे यह अपने आप मे अनोखा मामला है । जिस पर जांच एवं कार्रवाई धोखाधड़ी में शामिल उन सभी लोगों के खिलाफ किये जाने की मांग मीडिया एवं शिकायत के आधार पर ग्रामीणों, मीडिया कर्मियों के द्वारा लगातार किये जा रहे हैं।यदि टॉवर सरकारी भूमि पर लगी है तो राजश्व लाभ सरकार को नियमित प्राप्त होता रहे और सरकारी खजाने में गलत नियत रखने वाले व्यक्ति के विरुद्ध अपराध दर्ज होनी चाहिए कि बात जोरों से उठ रही है।मोबाइल टॉवर लगने लाभ कम ,हानि ज्यादा है क्योंकि इनसे निकलने वाली खतरनाक तरंगों से मानव जनजीवन के लिए बहुत हानिकारक है।इनसे निकलने वाली तरंगों से अनेकों गम्भीर बीमारियों का जन्म होता है, जो विभिन्न रिसर्चों से साबित होते रहा है।ग्रामीणों ने मोबाईल टॉवर को गॉव के आबादी के बाहर लगाने की मांग किये।पंचायत सचिव धनेश साहू ने बताया कि नारायण घृतलहरे ने पट्टे की 2 एकड़ जमीन की फोटोकॉपी एनओसी आवेदन के साथ संलग्न कर एनओसी मांगा था टॉवर लगाने के लिए जिस पर पंचायत से एनओसी दिया गया। अब टॉवर एनओसी वाली जमीन पर है या सरकारी भूमि पर राजश्व अमला के जांच से खुलासा हो सकता है।जांच की मांग तहसीलदार के समक्ष आवेदन पंचायत से भी पेश करेंगे।


*तहसीलदार निवेश कुरेटि ने बताया कि मामले पर नोटिस जारी कर पंचायत एवं जमीन के स्वामी से जवाब तलब होगी, निश्चित ही कार्रवाई होगी।*

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